You are using an outdated browser. For a faster, safer browsing experience, upgrade for free today.

लावापानी जलप्रपात

लावापानी जलप्रपात लोहरदगा जिला मुख्यालय से तकरीबन 36 कि०मी० की दुरी पर पेशरार प्रखण्ड में अवश्थित है, जिला मुख्यालय से केकरांग, पेशरार होते हुए लावापानी सड़क मार्ग से पहुंचा जा सकता है। रांची से 112 कि०मी०, नेतरहाट से 116 कि०मी० तथा लातेहार से 25 कि०मी० की दुरी पर स्थित है । यह मानवीय आबादी से दूर सघन वनों व पर्वतों से आवृत एक विशाल जलप्रपात है। इस जलप्रपात की विशेषता यह है की इसका पतन  लम्बवत न हो कर चरणबद्ध रूप में पूर्व से पश्चिम दिशा की ओर होता है, इस में करीब 12 सोपान हैं प्रतेक की उच्चाई तथा संरचना व आकृति में भिन्नता के कारण उत्पन्न दृश्य  पृथक-पृथक है , जो न्यूनतम 10 फिट से लेकर अधिकतम 80 फिट अथवा औसतन 30 फिट है। उपग्रह से प्राप्त चित्रों तथा आधुनिक तकनीको के प्रयोग द्वारा व्यक्तिगत विवेचना के आधार पर हम इस निष्कर्ष पर पहुंचे है की करीब  268 मीटर कर्ण वाला यह जलप्रपात 60°-70°का कोण बनाते हुए अनुमानतः लगभग 110 मीटर की उच्चाई से गिरता है।

यहाँ का दृश्य ऐसा विचित्र, हरितिमायुक्त, प्राकृतिक कोलाहलपूर्ण, विभिन्न पौधों व पुष्पों की मधुमय सुगंधयुक्त, आदिम जनजातीय सभ्यता का साक्षी, तथा ऐसी अनेक अज्ञात प्राकृतिक संरचनाओं का केंद्र है जो अन्यत्र दुर्लभ है।

लावापानी जलप्रपात आगे चल कर गला नदी के नाम से जाना जाता है, जिसकी कुल लम्बाई लगभग 30 किलोमीटर है। बोनरोबार से उद्गमित हो कर यह नदी उत्तर-पश्चिम दिशा की ओर प्रवाहित होती हुई अपनी सहायक नदी खिखिर से मिल कर अंततः लातेहार रेलवे स्टेशन के निकट तुपु खुर्द नामक स्थान पर औरंगा नदी में समाहित हो जाती है।

यह जलप्रपात चारो ओर से हरे-भरे  व ऊंचे पहाड़ों से घिरा है। इसका सर्वोच्चा सिखर दुगो (1000+ मीटर ) उक्त निर्झर के पश्चिम में स्थित है। अन्य सिखरों में अम्बा पारा (900 मीटर ), सर्प्जन्घा पहाड़ (800 मीटर ), कुरसे (700 मीटर ), मदनपुर (800 मीटर ) तथा मक्का का पहाड़ (700 मीटर ) आदि हैं |

जनजातीय क्षेत्र में स्थित लावापानी के आसपास लाल मिट्टी पाई जाती है।

साथ ही यह क्षेत्र बॉक्साइट  खनिज के लिए प्रसिद्ध है।

यह स्थल सभी प्रकार के प्रदूषणों एवं मानव निर्मित अपशिष्ट पदार्थों से प्रायः मुक्त अर्थात निर्मल है।

यहाँ से निकटतम चिकित्सालय, बाजार तथा पुलिस की सुविधाएँ लोहरदगा जिला मुख्यालय में उपलब्ध हैं।

कुछ सामान्य सूचनाएं:-

(1) कैसे जाएँ  :- जिला मुख्यालय लोहरदगा से  38 कि०मी० की दुरी पर पेशरार  प्रखण्ड में अवश्थित है। जिला मुख्यालय से केकरांग, पेशरार होते हुए लावापानी सड़क मार्ग से पहुंचा जा सकता है।

यदि लातेहार से जाना चाहें तो -लातेहार → डेमू→ मक्का→अम्बपावा →लावापानी।

(2) कब जाएँ :- अक्टूबर  से जून 

Tour Location

लावापानी जलप्रपात लोहरदगा जिला मुख्यालय से तकरीबन 36 कि०मी० की दुरी पर पेशरार प्रखण्ड में अवश्थित है, जिला मुख्यालय से केकरांग, पेशरार होते हुए लावापानी सड़क मार्ग से पहुंचा जा सकता है। रांची से 112 कि०मी०, नेतरहाट से 116 कि०मी० तथा लातेहार से 25 कि०मी० की दुरी पर स्थित है । यह मानवीय आबादी से दूर सघन वनों व पर्वतों से आवृत एक विशाल जलप्रपात है। इस जलप्रपात की विशेषता यह है की इसका पतन  लम्बवत न हो कर चरणबद्ध रूप में पूर्व से पश्चिम दिशा की ओर होता है, इस में करीब 12 सोपान हैं प्रतेक की उच्चाई तथा संरचना व आकृति में भिन्नता के कारण उत्पन्न दृश्य  पृथक-पृथक है , जो न्यूनतम 10 फिट से लेकर अधिकतम 80 फिट अथवा औसतन 30 फिट है। उपग्रह से प्राप्त चित्रों तथा आधुनिक तकनीको के प्रयोग द्वारा व्यक्तिगत विवेचना के आधार पर हम इस निष्कर्ष पर पहुंचे है की करीब  268 मीटर कर्ण वाला यह जलप्रपात 60°-70°का कोण बनाते हुए अनुमानतः लगभग 110 मीटर की उच्चाई से गिरता है।

यहाँ का दृश्य ऐसा विचित्र, हरितिमायुक्त, प्राकृतिक कोलाहलपूर्ण, विभिन्न पौधों व पुष्पों की मधुमय सुगंधयुक्त, आदिम जनजातीय सभ्यता का साक्षी, तथा ऐसी अनेक अज्ञात प्राकृतिक संरचनाओं का केंद्र है जो अन्यत्र दुर्लभ है।

लावापानी जलप्रपात आगे चल कर गला नदी के नाम से जाना जाता है, जिसकी कुल लम्बाई लगभग 30 किलोमीटर है। बोनरोबार से उद्गमित हो कर यह नदी उत्तर-पश्चिम दिशा की ओर प्रवाहित होती हुई अपनी सहायक नदी खिखिर से मिल कर अंततः लातेहार रेलवे स्टेशन के निकट तुपु खुर्द नामक स्थान पर औरंगा नदी में समाहित हो जाती है।

यह जलप्रपात चारो ओर से हरे-भरे  व ऊंचे पहाड़ों से घिरा है। इसका सर्वोच्चा सिखर दुगो (1000+ मीटर ) उक्त निर्झर के पश्चिम में स्थित है। अन्य सिखरों में अम्बा पारा (900 मीटर ), सर्प्जन्घा पहाड़ (800 मीटर ), कुरसे (700 मीटर ), मदनपुर (800 मीटर ) तथा मक्का का पहाड़ (700 मीटर ) आदि हैं |

जनजातीय क्षेत्र में स्थित लावापानी के आसपास लाल मिट्टी पाई जाती है।

साथ ही यह क्षेत्र बॉक्साइट  खनिज के लिए प्रसिद्ध है।

यह स्थल सभी प्रकार के प्रदूषणों एवं मानव निर्मित अपशिष्ट पदार्थों से प्रायः मुक्त अर्थात निर्मल है।

यहाँ से निकटतम चिकित्सालय, बाजार तथा पुलिस की सुविधाएँ लोहरदगा जिला मुख्यालय में उपलब्ध हैं।

कुछ सामान्य सूचनाएं:-

(1) कैसे जाएँ  :- जिला मुख्यालय लोहरदगा से  38 कि०मी० की दुरी पर पेशरार  प्रखण्ड में अवश्थित है। जिला मुख्यालय से केकरांग, पेशरार होते हुए लावापानी सड़क मार्ग से पहुंचा जा सकता है।

यदि लातेहार से जाना चाहें तो -लातेहार → डेमू→ मक्का→अम्बपावा →लावापानी।

(2) कब जाएँ :- अक्टूबर  से जून 

Image Gallery

No Gallery Image Available

Video Gallery

LawapaniWaterfall